कांग्रेस की ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा में राहुल गांधी और कन्हैया कुमार की भागीदारी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र कांग्रेस ने ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा के माध्यम से राज्य में युवाओं के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है। इस पदयात्रा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार ने सक्रिय भागीदारी की, जिससे यह यात्रा राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बन गई है।
बेगूसराय में राहुल गांधी की सहभागिता
7 अप्रैल 2025 को राहुल गांधी ने बेगूसराय में इस पदयात्रा में हिस्सा लिया। उन्हें हेलीकॉप्टर से उलाव हवाई अड्डे पर लाया गया, जहां से वे सड़क मार्ग से सुभाष चौक पहुंचे और लगभग डेढ़ किलोमीटर तक पदयात्रा में शामिल हुए। इस दौरान उनके साथ कन्हैया कुमार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार, एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव प्रकाश गरीब दास और अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।
युवाओं के मुद्दों पर केंद्रित यात्रा
इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य बिहार में बढ़ते पलायन और बेरोजगारी के मुद्दों को उजागर करना था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ‘नौकरी दो, पलायन रोको’ जैसे नारे लगाए और रक्षा बलों में खाली पदों को भरने की मांग की। पदयात्रा में उन युवाओं की भी भागीदारी रही, जिन्होंने सेना की भर्ती परीक्षाएं पास की हैं, लेकिन नियुक्ति नहीं मिली है।
राजनीतिक महत्व और भविष्य की रणनीति
कन्हैया कुमार की यह पदयात्रा कांग्रेस की युवा शाखा के माध्यम से राज्य में पार्टी की सक्रियता को दर्शाती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कन्हैया कुमार को आगामी विधानसभा चुनाव में बेगूसराय से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। राहुल गांधी की इस यात्रा में भागीदारी से यह संकेत मिलता है कि कांग्रेस बिहार में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।
निष्कर्ष
‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा के माध्यम से कांग्रेस ने बिहार के युवाओं के ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है। राहुल गांधी और कन्हैया कुमार की संयुक्त भागीदारी ने इस यात्रा को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बना दिया है। आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की रणनीति और सक्रियता पर यह यात्रा महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है